आखिर डर किस बात का था और क्यों ?

रात में अचानक लाइट जाने से कमरे में गर्मी बढ़ गई और गर्मी के कारण सोना की नींद खुली तो वह गर्मी से परेशान हो रही थी। गर्मी से ज्यादा उसे एक अलग ही बेचैनी सता रही थी। इस बेचैनी में उसने करवट बदली तो देखा राजू सो रहा था। नींद में राजू ने सोना की कमर पर हाथ रख दिया। अब तो सोना की बेचैनी और बढ़ चुकी थी। सोना ने धीरे धीरे अपनी टीशर्ट ऊपर करके राजू के हाथों का स्पर्श अपनी कमर पर महसूस किया। कमर पर राजू के हाथ पड़ते ही उसके पूरे शरीर में बिजली सी कौंध गई। वह राजू के और करीब गई और पहले उसके गालों को अपने हाथों से छुआ और फिर उसके बालों में हाथ फेरने लगी। इन सब के कारण राजू की भी नींद खुल गई सोना तो अपने अपने करीब देखकर उसने उसकी कमर को जोर से पकड़ा और अपने और करीब खींच लिया।

सोना के माथे पर चुमते हुए कहा – क्या हुआ जान, गर्मी के कारण उठ गई? परेशान ना हो जल्दी ही बिजली वापस आ जाएगी। 

पर सोना का दिल तो प्यार के लिए तरस रहा था वह अब राजू से ज्यादा दूर नहीं रह सकती थी वह राजू को अपने अंदर महसूस करने के लिए तड़प रही थी। राजू को तैयार करने के लिए एकाएक सोना ने राजू के शॉर्ट में हाथ डालकर उसके लंड को पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से दबाने लगी।

सोना का हाथ अपने नीचे महसूस होते ही राजू की आंखें खुली।

राजू ने सोना की तरफ देखा और कहा- क्या हुआ? आज बड़ी बेचैन है मेरी जान.. बेचैनी इतनी ही बढ़ गई तो मुझसे कह देते.. मैं तो इसलिए रुक गया कि इस गर्मी में पसीना-पसीना हो जाते हम। इसलिए मैने आपको कुछ नहीं कहा। 

सोना ने कहा- आप खुद तो मेरी कमर पर हाथ रखकर आराम से सो जाते हो और मैं आपके छूने से रात भर मचलती रहती हूं। लेकिन इस गर्मी में आज तो आपने कुछ ज्यादा ही आग लगा दी अब मुझसे रहा नहीं जा रहा तो क्यों ना एक राउंड हो जाए।

सोना के लंड पकड़ने से राजू अब तक तड़प चुका था और सोना की ऐसी बातों ने उसकी तड़प और बढ़ा दी थी वह भी अब सोना को अपनी बाहों में भर कर खूब प्यार करना चाहता था।

राजू ने अपने होंठ सोना के होठों पर रखकर उन्हें चूमना शुरू कर दिया। नीचे सोना अभी भी राजू के लंड से खेल रही थी और उसे ऊपर नीचे कर रही थी। 

होठों को चूसते-चूमते राजू सोना को लेकर उठ कर बैठ गया। अब राजू ने सोना की टीशर्ट में हाथ डालकर उसकी चुचियों को दबाना शुरू कर दिया। फिर चूचियों को अपने मुंह में भर कर दबाते हुए चुसने लगा।

इधर सोना भी राजू के लंड को सख्त और खड़ा देखकर तड़प उठी और 

राजू से कहा – अब आप जल्दी से मुझ पर चढ़ रहे हैं या मैं खुद चढ़ जाऊं आपके ऊपर!! देखिए अब यह भी मेरी प्यास बुझाने को तैयार हो चुका है। अब देर मत कीजिए और जल्दी से चोदिए ना अपनी जान को। 

सुनते ही राजू ने सोना के बदन से टी-शर्ट उतार दी। सोना ने भी राजू की टीशर्ट उतार दी। 

राजू ने झट से सोना को बिस्तर पर लिटा कर सर के नीचे सिरहाना रख दिया। 

सोना के लेटते ही राजू ने उसकी कमर पर दोनों हाथ रख कर सोना के शॉर्ट्स खींच कर उतार फेंकी। 

राजू ने कहा- वाह जान, आज तो आप की चूत मेरे लिए पहले से ही गीली हो रखी है।

यह कहकर राजू ने सोना की टांगें खोलकर उसकी गीली चूत पर एक प्यारी सी किस करी।

अब सोना से रहा न गया तो उसने राजू को अपने ऊपर बुलाकर उसकी शॉट्स उतार दी। राजू का लंड अपने हाथों में लेकर सोना अब उसे अपनी चूत पर रगड़ने लगी

और फिर सोना बोली – हां बेबी, यह सिर्फ आपके लिए गीली हो रखी है। अब बस जल्दी से इसमें अपना लंड घुसाइए और जी भर कर अपनी चोदिए अपनी जान को, जल्दी आइए ना !! क्यों तड़पा रहे है ??

यह सुनते ही राजू के शरीर में बिजली दौड़ पड़ी। सोना लंड को अपनी चूत पर रगड़ ही रही थी कि अचानक एक ही धक्के में राजू ने अपना लंड सोना की गली चूत में घुसा दिया। पूरा लंड एक ही धक्के में गीली चूत में फिसल गया। राजू के पहले धक्के से ही सोना सिहर उठी और कसकर उसे अपने गले से लगा लिया।

अब तो बस धक्के चालू हो चुके थे। दोनों बदन एक दूसरे में समाते जा रहे थे। नीचे धक्के लग रहे थे और ऊपर दोनों एक दूसरे को कस के पकड़ के एक दूसरे में समा रहे थे। 

धक्के देते हुए राजू में सोना के गालों को एक हाथ से पकड़ा और दूसरे हाथ से सोना की चुचियों को दबाते हुए राजू ने सोना के होठों को चूमना शुरू कर दिया और फिर धीरे-धीरे धक्के तेज होने के साथ साथ अपनी जीभ सोना की जीभ से छूते हुए सोना की जीभ को चूसना शुरू कर दिया। 

सोना भी राजू के कमर को दोनों हाथों से पकड़कर हर धक्के पर उसे अपनी ओर खींच के चुदाई में उसका पूरा साथ दे रही थी। 

चूत में धक्के देते हुए राजू ने कहा- जान, आज आप मेरे लिए घोड़ी नहीं बनोगी!! चलो अब घोड़ी बनकर पीछे से करते हैं। 

सोना मानो अलग ही दुनिया में थी।

उसने राज से कहा- बेबी,आज नहीं.. आज आप ऐसे ही जोरदार धक्के लगाते रहो..आज मेरा मन कर रहा है कि मैं आपकी नीचे लेटे हुए ऐसे ही आपके सारे धक्के अपने अंदर महसूस करती रहूं।

यह कहकर वह धक्कों के मजे लेने लगी और राजू भी नीचे जोर से धक्के लगाता रहा।

कुछ देर बाद अचानक सोना ने तड़प भरी आवाज में कहा- बेबी, जोर से धक्के मारते रहना.. अब रुकना मत। 

राजू ने अपने धक्के तेज कर दिए और सोना के दोनों हथेलियों में अपनी उंगलियां फंसा कर हल्के से अपनी छाती ऊपर उठकर उसकी चूत में तेज़ तेज़ से धक्के देने लगा। 

धक्के देते हुए राजू ने सोना से पूछा- जान, मजा आ रहा है ??

सोना ने कहा- बेबी.. रुको मत और तेज धक्के लगाते रहो।

चूत में धक्कों की रफ्तार बढ़ती ही जा रही थी कि अचानक सोना ने राजू को कसकर गले से लगा लिया और उसकी पीठ पर नाखून चुभाते हुए उसकी गर्दन पर चूमने और काटने लगी। नीचे चूत में धक्कों लगते जा रहे थे। 

अगले कुछ ही देर में सोना का शरीर निढाल पड़ गया, जैसे उसका अंग-अंग राजू की बाहों में पिघलने लगा हो। उसका पूरा शरीर ढीला पड़ गया। उसने राजू की आंखों में मुस्कुरा कर देखा और फिर उसके माथे पर चुमा।

अब सोना ने राजू से कहा- बेबी, आप अब अपने आखिरी धक्के लगा कर अपना पानी निकाल सकते हो। 

राजू ने सोना की चूत में अपने लंड के आखरी धक्के लगाने शुरू कर दिए ताकि वह अपना सारा पानी सोना की चूत में निकाल सके।

धक्के लगते रहे.. 

अचानक राजू में सोना के अंदर अपना पानी निकालना शुरू कर दिया और फिर..

सोना से पूछा- जान, अब कैसा महसूस हो रहा है? अंदर गिरा ??

सोना को पानी गिरने का पता ना चला तो उसने पूछा- अब तक आपका निकला नहीं क्या? 

यह सुनकर राजू और जोर से धक्के लगाने लगा कि शायद अभी सिर्फ पानी निकलने का अहसास हुआ है और पानी निकलना बाकी है। 

धक्के लगाते हुए राजू को महसूस होने लगा कि वह अपना पूरा पानी निकाल चुका है। पर वह हैरान था कि सोना को अब तक कुछ महसूस क्यों नहीं हुआ।

राजू ने सोना की चूत में से अपना लंड बाहर निकाला तो देखा की उसके लंड पर कंडोम लगा हुआ है। सारा पानी कौंडम में ही था इसी वजह से पानी चूत में नहीं गिरा।

अब राजू को समझ आया कि इस कंडोम को सोना ने शुरुआत में ही लंड पर चढ़ा दिया था जब वह इसे अपनी चूत पर रगड़ रही थी।  

फिर राजू बिना कंडोम हटाए, सोना के बगल में लेट गया और सोचने लगा कि आखिर क्यों सोना ने ऐसा किया? क्यों सोना को आज कंडोम की जरूरत पड़ी, जबकि उसे अपनी चूत में पानी गिरवाना बहुत पसंद है……… फिर भी आखिर क्यों??? 🤔

 

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